Saturday, March 22, 2014

Khushwant Singh


कंटेम्पररी भारत में ऐसे बहुत कम लोग होंगे जिन्होंने खुशवंत सिंह जैसा भरपूर , मुकम्मिल और बेबाक जीवन जिया होगा।  इन्होने किसी को नहीं बख्शा, महात्मा गांधी , पंडित नेहरू , अमृता शेरगिल , ज्ञानी जेलसिंह , इंदिरा गांधी , राजीव् गांधी,  लम्बी फेहरिस्त  है इनके शिकारों की।  १९८४ के सिख दंगे हो या ऑपरेशन ब्लू -स्टार इन्होने हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय दी और अपनी दमदार उपस्थिती को हर फोरम पे दर्ज़ कराया। ये ना तो ईश्वर को मानते थे न धर्म और पुनर्जीवन की बातों को, इनका धर्म लेखन था , एक बार किसी ने इनसे पूछा था कि आप लिखना कब छोड़ेंगे तो जवाब आया " Nobody has ever invented a condom for a writer's pen " ऐसे ही थे खुशवंत सिंह।  बहुत कम लोगों में माद्दा होता है अपनी नितांत निजि बातों को इतनी गरिमा से सार्वजनिक करने का जैसे इन्होने किया। खुशवंत सिंह आज   जिस भी लोक में है ,एक बात तय है या तो लेखन पठन कर  रहे होंगे या तंदूरी चिकन के साथ व्हिस्की का मज़ा ले रहे  होंगे।  

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