Tuesday, September 10, 2013

तुलसीजी में अंडा

एक मज़ेदार बात हुई।  3 दिन घर बंद था क्योकि सब बाहर गये थे , कल वापस आये तो देखा बालकनी में रखे तुलसी के गमले में कबूतर ने ( precisely कबूतरनी ने ) अंडा दे दिया है।

बड़ा धर्म-संकट है अब , बीबी बोलती है अंडा हटाओ तुलसीजी को जल  कैसे देंगे , हमारी तुलसीजी मुरझानी नहीं चाहिए।
 अंडा हमारे लिए अंडा है , 50 रूपए में एक दर्जन लेकिन कबूतरनी के लिए सिर्फ अंडा नहीं है। लेकिन  तुलसीजी भी कोई बगीचे का पौधा नहीं है, गुलाब या गेंदा जैसे।

अंडे को छेड़ा तो कबूतरनी का miscarriage हो सकता है और नहीं छेड़ा  तो फिर तुलसीजी को जल कैसे चढ़ेगा।  एक तरीका ये हो सकता है कि एक टेम्पररी घोंसला बनाया जाये और उसमे अंडे को शिफ्ट किया जाए



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