!!श्री गणेशाय नमः !!
ज्ञानबाज़ी के चक्कर में कभी- कभी हम इतने क्लिष्ठ हो जाते है की सुनने /पढने वाले को समझ नहीं आता की बोलना क्या चाहते है :) मेरा प्रयास रहेगा की मै इस ब्लॉग में वो परोसूं जो स्वादिष्ट भी हो और सुपाच्य मतलब easily digest होने वाला हो। लेख कभी लिखे नहीं , मगर खेल खेले है शब्दों से। लिखते लिखते शायद सुधर जाऊ। खेल खेल में शायद खिलाडी बन जाऊ ?
ज्ञानबाज़ी के चक्कर में कभी- कभी हम इतने क्लिष्ठ हो जाते है की सुनने /पढने वाले को समझ नहीं आता की बोलना क्या चाहते है :) मेरा प्रयास रहेगा की मै इस ब्लॉग में वो परोसूं जो स्वादिष्ट भी हो और सुपाच्य मतलब easily digest होने वाला हो। लेख कभी लिखे नहीं , मगर खेल खेले है शब्दों से। लिखते लिखते शायद सुधर जाऊ। खेल खेल में शायद खिलाडी बन जाऊ ?
irshad
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